मध्य प्रदेश

बुरहानपुर में इंदौर लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा आरोपी लेखपाल

भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्यवाही की जा रही है।

इंदौर लोकायुक्त की टीम ने बुरहानपुर में मेडिकल बिलों का भुगतान कराने के बदले रिश्वत लेते हुए आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा। इस कार्रवाई में आरोपी पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्यवाही की जा रही है।
मध्य प्रदेश इंदौर लोकायुक्त इकाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सख्त कार्रवाई जारी रखते हुए एक और आरोपी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। इस कार्रवाई के तहत बुरहानपुर के एक सरकारी दफ्तर में तैनात एक लेखापाल को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है।

इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी देते हुए लोकायुक्त अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई जयदीप प्रसाद, महानिदेशक लोकायुक्त के निर्देशन में की गई।
यह मामला बुरहानपुर जिले के जिला चिकित्सालय से जुड़ा है। जहां पर आवेदक अशोक पठारे, जो सहायक ग्रेड-3 के पद पर कार्यरत हैं, अपने मेडिकल बिल की राशि को आहरित करने के लिए आरोपी राधेश्याम चौहान से संपर्क में थे। आरोपी राधेश्याम चौहान, जो कि कार्यालय सिविल सर्जन बुरहानपुर में लेखापाल के रूप में कार्यरत हैं, ने आवेदक से 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
आवेदक ने इसकी शिकायत इंदौर के लोकायुक्त कार्यालय से की, जिसके बाद सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि आरोपी की ओर से रिश्वत की मांग सही है। इसके बाद लोकायुक्त ने 28 फरवरी 2025 को एक ट्रेप दल का गठन किया और रिश्वत के लेन-देन को प्रमाणित करने के लिए योजना बनाई।
28 फरवरी 2025 को लोकायुक्त की टीम ने आवेदक को 10,000 रुपये की रिश्वत राशि देकर आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए कार्यवाही की। जैसे ही आरोपी ने रिश्वत की राशि प्राप्त की, लोकायुक्त टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी श्री राधेश्याम चौहान को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत धारा 7 के तहत गिरफ्तार किया गया है।
यह ऑपरेशन लोकायुक्त की टीम द्वारा काफी सटीक तरीके से अंजाम दिया गया, जिसमें निरीक्षक राहुल गजभिये, निरीक्षक विक्रम चौहान, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक विजय कुमार, आरक्षक कमलेश परिहार, आरक्षक आशीष नायडू, आरक्षक अनिल परमार और आरक्षक कृष्णा अहिरवार शामिल थे। लोकायुक्त की टीम ने पूरी कार्यवाही को सटीक और सावधानी से अंजाम दिया ताकि आरोपी को भागने का कोई मौका न मिले।
इस कार्रवाई को लेकर इंदौर लोकायुक्त कार्यालय ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्यवाही एक चेतावनी है। लोकायुक्त ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा रिश्वत लेने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लोकायुक्त के अधिकारी जयदीप प्रसाद ने कहा कि यह कार्यवाही यह साबित करती है कि लोकायुक्त टीम किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त और प्रभावी तरीके से काम कर रही है। लोकायुक्त विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को लगातार तेज करेगा और ऐसे आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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