गुना पीजी कॉलेज प्रशासन ने छात्रों के ऊपर 365 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से बस कराया और ₹180 क्रीड़ा शुल्क ₹85 अन्य मदों में बढ़ोतरी की गई है
जिसका विवरण कॉलेज प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया है छात्र संगठनों के द्वारा कल जिला कलेक्टर महोदय को एक ज्ञापन दिया गया जिसमें तत्काल प्रभाव से बढ़ाई गई फीस को फीस वसूली को वापस लेने का आग्रह किया गया है
गुना पीजी कॉलेज का नाम बदलकर प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज कर दिया गया है सिर्फ नाम बदल गया सुविधा नहीं बदली गई है पुरानी कहावत थी टका शेर भाजी,टका शेर खाजा अंधेर नगरी चौपट राजा आज यही गुना पीजी कॉलेज में देखने को मिल रहा है छात्रों को मूलभूत सुविधा नहीं दी जा रही और उन पर कि वृद्धि का बोझ डाला जा रहा है कॉलेज प्रचार कुछ भी कहने से बच रहे हैं
कॉलेज में 17000 से अधिक छात्र-छात्र अध्ययन करते हैं यदि हम प्रत्येक छात्र से 365 रुपए की वृद्धि को देखें तो कुल कीमत 62 लाख ₹5000 की वृद्धि पाई गई है जिसका ना कोई ऑडिट किया गया ना कोई हिसाब दिया गया है कॉलेज प्रशासन की यह सवाल है कि इतने बड़े घोटाले के पीछे किसका आगे किसी नेता का दबाव है या यह पैसा किसी के खाते में जा रहा है आखिरकार शोषण क्यों किया जा रहा है
छात्रों का कहना है कि सरकार सिर्फ चुनाव में फायदे के लिए और जनता को थमने के लिए घोषणा वीर का किरदार निभा रही है एक भी रुपए की फीस वृद्धि छात्र और शिक्षा विरोधी है फिर भी कई लोगों को लगता है कि 365 रुपए 1 साल में प्रति छात्र बस यात्रा कहां का अन्य है लेकिन कागजों और सरकारी भाषण से इतर जमीन हकीकत कुछ और ही है इसे बड़ा पीजी कॉलेज के संदर्भ में ही देखे तो पता चलेगा कि कॉलेज में कुल चार संख्या 17000 से अधिक है और बस सुविधा के नाम पर केवल एक बस उपलब्ध है