मध्य प्रदेश

परिवहन घोटाले पर सरकार चुप क्यों?, भाजपा नेताओं की संलिप्तता पर नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार ने उठाए सवाल

मध्य प्रदेश परिवहन विभाग घोटाला

मध्य प्रदेश में हो रहे घोटालों और सरकार की चुप्पी को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात करते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में घोटाले दर घोटाले हो रहे हैं, और विधानसभा में इन पर कोई चर्चा नहीं होती।
सिंघार ने परिवहन घोटाले का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें मंत्री, अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से हर साल 1500 करोड़ रुपये की अवैध वसूली होती रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस घोटाले को दबाने का प्रयास कर रही है और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
मुख्य आरोप और खुलासे :
– सौरभ शर्मा के यहाँ से मिले दस्तावेजों की जाँच नहीं हुई, उनकी गिरफ्तारी 41 दिन बाद हुई।
– सौरभ शर्मा के फ़ोन का CDR जारी नहीं किया गया, जिससे कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के नाम उजागर हो सकते हैं।
– गोविंद राजपूत इस पूरे रैकेट को सँभालते थे, उनके कार्यालय में ही सारी डीलिंग होती थी।
– गोविंद राजपूत ने 2019 से 2024 के बीच अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के नाम पर 600 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की।
– 2023 में अपने 134 करोड़ की संपत्ति को शपथ पत्र में छुपाया।
– ज्ञान वीर समिति के नाम पर दान की आड़ में ज़मीनों की हेराफेरी की गई।
– दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में भी गोविंद सिंह राजपूत और उनके बिज़नेस पार्टनर्स ने ज़मीनें खरीदीं।

– परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर माह 2 करोड़ रुपये दिए जाने का आरोप।
उमंग सिंघार ने साफ कहा कि इस घोटाले की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले की शिकायत सौंपेंगे।
प्रदेश कांग्रेस ने मांग की है कि इस घोटाले की उच्चस्तरीय जाँच हो और भ्रष्टाचार में लिप्त सभी नेताओं और अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। कांग्रेस प्रदेश की जनता के हित में इस लड़ाई को हर स्तर पर लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

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