💥 *बड़ी खबर*💥
सतना मनी लॉन्ड्रिंग केस का खुलासा। साइबर फ्रॉड में बैंक कर्मी भी संलिप्त
पूरे मामले में सतना निवासी एक सीमेंट कम्पनी में कार्यरत सुरक्षाकर्मी के फर्जी बैंक खाता खोलकर उसमें फर्जी मोबाइल नंबर दर्ज कर अज्ञात द्वारा करोडों के रूपये के अवैध ऑनलाइन लेनदेन करने संबंधी एक शिकायत राज्य सायबर पुलिस जोनल कार्यालय जबलपुर में प्राप्त हुई थी जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुये अपराध क्रमांक 353/2024 धारा 318(4), 319(2), 336 (3),338, 61(2) BNS एवं 66सी, 66डी आईटी एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में त्वरित रूप से साक्ष्य एकत्रित किये गये, जिसमें ज्ञात आरोपी अंजर हुसैन, शशांक अग्रवाल, अमित कुमार निगम, अनुराग कुशवाहा, स्नेहि गर्ग, शागिल अख्तर, सुमित शिवानी, अमित कुशवाहा, संदीप चतुर्वेदी, मेदनीपाल, नितिन कुशवाहा सभी निवासी नजीराबाद सतना, रितिक श्रीवास निवासी मोहन नगर मांडवा जबलपुर ज्ञात हुये जिनकी गिरफ़्तारी हेतु राज्य सायबर की 16 टीमों को त्वरित रूप से रवाना कर सभी आरोपियों के वर्तमान ठिकानो पर एक साथ दबिश देकर आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया।
उपरोक्त समस्त आरोपियों के कब्जे से लगभग 15 लाख रूपये नगद, विभिन्न बैंक खातों के 27 पासबुक, विभिन्न बैंक 48 एटीएम कार्ड, विभिन्न बैंक खातों के चेकबुक, एटीएम स्वाइप मशीन, 08 लेपटाप, 20 मोबाइल फोन, 19 सिम कार्ड जप्त किये गये।
प्रकरण की विवेचना में संकलित साक्ष्यों एवं तकनीकी विवेचना के आधार पर प्रकरण में फरियादियों द्वारा बताये अनुसार बैंक खातों के माध्यम से फरियादी एवं अन्य के साथ घटना घटित की गई थी, उनके संबंध में जानकारी एकत्र की गई तो ज्ञात हुआ कि आरोपीगण जिला सतना, जबलपुर मे रहकर उक्त घटना को अंजाम दे रहे थे, साथ ही प्रकरण मे उपयोग किये गये बैंक खातों एवं उनमें रजिस्टर्ड फर्जी सिमों का भी जिला सतना एवं जबलपुर का होना पाया गया।
उक्त कई आरोपियों के द्वारा यह भी बताया गया कि बेटिंग एप के माध्यम से भी धोखाधड़ी करने का कार्य करते है जिसका प्रशिक्षण उन्हे दिल्ली व हरियाणा में दिया गया था।
पूछताछ में कई निजी शासकीय बैंक के कर्मचारियों की संलिप्तता भी पायी गई है जो कमीशन एवं टारगेट पूरा करने के लालच में फर्जी बैंक एकाउण्ट खोलने में नियमों को दरकिनार कर आरोपियों की मदद करते पाये गये है।