कवि दिनकर
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बघेलखंड स्पेशल
मधुवन – कवि के मन के भाव
मधुवन निकरे कैसे कहाँ चले तुम कहाँ कहाँ भटकाओगे कैसे कैसे पथिक मिलेगें सब कैसे समझाओगे।। जीवन के कड़वे सच…
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बघेलखंड स्पेशल
जीवन का संघर्ष -भटके हुए राह के राही, आकर आगे भांप लो
भटके हुए राह के राही, आकर आगे भांप लो। जीवन की राह जटिल है, तुम ही हमको थाम लो।। दिशा…
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बघेलखंड स्पेशल
पगडंडी और पाथर, कवि की भावना का सुन्दर व्याख्यान
पगडंडी और पाथर कब से यही जमे हो, या बेदर्द जमाना छोड़ गया। बिछुड़ गए हो खुद अपनों से, या…
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बघेलखंड स्पेशल
बघेली भाषा में एक सुन्दर सोच, जिसको जरूर पढ़ना और सोचना चाहिए?
गयिलि बघेली रचना – लेखक और कवि दिनकर प्रसाद पाण्डेय ‘दिनकर’ एक दुइ नहीं हजारन है गयिलियां ठीहा बोलावथै फैलाये…
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