प्रदूषण नियंत्रण और प्रशासनिक तंत्र की उदासीनता पर सवाल*
प्रदूषण नियंत्रण
*प्रदूषण नियंत्रण और प्रशासनिक तंत्र की उदासीनता पर सवाल*
मध्य प्रदेश के मैहर जिले में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। सूत्रों के अनुसार, सहिलारा मां शारदा देवी मंदिर की पहाड़ी पर लगाए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मीटर को KJS सीमेंट प्लांट के प्रदूषण स्तर को मापने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। हालांकि, स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों का कहना है कि यह मीटर KJS सीमेंट प्लांट से लगभग 8-9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे वास्तविक प्रदूषण स्तर का सही आकलन नहीं हो पाता।यह स्थिति प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती है। आमतौर पर, प्रदूषण की जांच और कार्रवाई के लिए त्वरित प्रतिक्रिया की अपेक्षा की जाती है, लेकिन इस मामले में प्रशासन और संबंधित विभाग की निष्क्रियता ने स्थानीय लोगों को निराश किया है।
*प्रदूषण के प्रभाव और प्रशासनिक लापरवाही*
KJS सीमेंट प्लांट जैसे बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों से उत्पन्न प्रदूषण न केवल स्थानीय पर्यावरण को प्रभावित करता है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर भी पड़ते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि क्षेत्र में सांस संबंधी बीमारियां और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) के क्षेत्रीय कार्यालय सतना के अधिकारियों से सवाल किया जा रहा है कि आखिर क्यों सही जगह पर AQI मीटर नहीं लगाया गया? और लगाया गया है तो उसकी जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइड में क्यों नहीं है? यदि प्रदूषण नियंत्रण के लिए नियम बनाए गए हैं, तो उनका पालन कराने में प्रशासनिक तंत्र असफल क्यों है?
*जनता की नाराजगी*
स्थानीय लोग प्रशासन की इस उदासीनता से आक्रोशित हैं। उनका मानना है कि यदि यही मामला किसी गरीब व्यक्ति से संबंधित होता, तो प्रशासन सक्रिय होकर कार्रवाई करता। लेकिन बड़े उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के मामले में अक्सर ऐसे ही उदासीनता देखने को मिलती है।
*सरकार और प्रशासन से सवाल*
1. KJS सीमेंट प्लांट के प्रदूषण स्तर का सही आकलन क्यों नहीं किया जा रहा है?
2. AQI मीटर को प्लांट के समीप क्यों नहीं लगाया गया, ताकि प्रदूषण का सही आंकड़ा मिल सके?
3. स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रशासन की क्या जिम्मेदारी है?
*आवश्यक कदम*
जनता का आग्रह है कि सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस मामले की गंभीरता से जांच करें और प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए उचित कदम उठाएं। साथ ही, प्रशासन को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कार्य करना चाहिए, ताकि स्थानीय निवासियों का विश्वास बना रहे और उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
यदि प्रशासन और संबंधित विभाग इस मामले में निष्क्रिय रहते हैं, तो यह न केवल पर्यावरण को बल्कि मानव जीवन को भी बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। यह समय है कि नागरिक, प्रशासन, और पर्यावरणविद मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें।