कलयुग में सबसे अलग और श्रेष्ठ भगवान है तो वो हनुमान जी है – कथावाचक नमन जी वैष्णव
रतलाम (राहुल बैरागी) जिले के तालीदाना में परम पूज्य गुरुदेव संतश्री नमन जी महाराज के मुखारविंद से स्वर्गीय महेंद्र सिंह कालूखेड़ा गौशाला तालीदाना में पंचम दिवस की श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का श्रवण श्रद्धालुओं द्वारा किया जा रहा हैं।
संत श्री ने बताया कि होनी-अनहोनी सब गाय जानती हैं,क्योंकि गाय गौमाता हैं। सर्वदेव मय गौमाता हैं। इसलिए गौसेवा करना प्रत्येक प्राणी का धर्म हैं।
हमारी भक्ति के रस पर काम,क्रोध,मोह का स्पर्श हो रहा हैं,इसलिए नर से नारायण नहीं बन रहे हैं। ईश्वर प्राप्ति के लिए काम,क्रोध,मोह का त्याग करना चाहिए।
परमात्मा को प्राप्त करने के यत्न मनुष्य को करना चाहिए, इसके लिए भजन करना चाहिए, गौसेवा करनी चाहिए, परिवार,संतान के लिए सब कुछ किया किंतु व्यक्ति को विचार करना चाहिए कि अपनी आत्मा की मुक्ति के लिए क्या उपाय किया। इसलिए सांसारिक प्रवृत्तियों को त्याग निवृत्तियों में मन लगाना चाहिए।
कलयुग में अलग श्रेष्ठ भगवान है तो वो हनुमान जी है, हम आते संसार में तो सबसे पहले रोना शुरू करते हैं, पर परिवार के लोग खुशियां मनाते हैं मिठाइयां बांटते हैं , भगवान श्री कृष्णा के जन्म से पहले जब धरती पर आए तो सबसे पहले रोने के पहले उन्होंने उनके मन से निकला ओम ओम निकला। प्रभाव में मत स्वभाव में रहना सिखो, रूप को मत देखो स्वरूप को देखो, बिना निस्वार्थ के सेवा कर रहा वो परम पिता श्री कृष्ण है, गोवर्धन जी का पूजन करके भागवत कथा के दौरान भगवान को लगाए 56 भोग, कथा के दौरान गो सेवा समिति के 500 सदस्य बनाने का संकल्प लिया जिसमे करीब 200 सदस्य बनाए गए और सभी सदस्य प्रति माह 500 माह गो शाला में देने की बात कही , कथावाचक को ज्ञापन देने के बाद कथावाचक ने बताया कि गो दल को वाहन उपलब्ध करने का आश्वासन दिया गया, वही आज रुक्मणि विवाह होगा।
वही महाराज ने बताया कि अयोध्या का राजा हनुमान जी है, साधु संत के तुम रखवाले सूर्य निकंदन राम दुलारे, जो भक्त हनुमान जी की शरण में होता हे वो निर्भय होता है,
जिस प्रकार हंस के सामने कितने ही खाद्य पदार्थों को रख दिया किन्तु हंस खाने के लिए केवल मोती को चुनता हैं।उसी प्रकार हंस रूपी आत्मा का भोजन ईश्वर की कथा एवं भगवान नाम का जप,कीर्तन है।इसके अलावा सांसारिक मोहमाया,तांत्रिक क्रियाओं आदि के चक्कर में नहीं रहना चाहिए।इस कलयुग में ईश्वर का एकमात्र साधन हैं ईश्वर नाम कीर्तन।
पूज्य संत ने गौहत्या का कलंक इस राष्ट्र से समाप्त हो,इसके लिए आने वाले समय में गौशाला तालिदाना में भव्य गौ- महोत्सव आयोजन का संकल्प लिया।
पंचम दिवस की कथा में यजमान गजेंद्र सिंह राठौर रहे।
आरती लाभ गौशाला संरक्षक के.के.सिंह कालूखेड़ा,अध्यक्ष गजराज सिंह राठौर (गज्जू बना) व समिति सदस्य मदन सिंह चौरड़िया,मन्ना लाल शर्मा,रामेश्वर पाटीदार, दादू बना, अधिवक्ता जगदीश धाकड़,दीनदयाल पाटीदार, माताप्रसाद कालूखेड़ा ने लिया।
विशेष अतिथि सुखेड़ा मंडल अध्यक्ष रितेश जैन,भेरूलाल पाटीदार धामेडी, डॉ.चंचल रामावत, कुंवर शैलेन्द्र सिंह सोलंकी, खरेली, भोजराज सिंह सिसोदिया संदला, गौरक्षा दल प्रदेश अध्यक्ष गोपाल सिंह, सचिव विनोद पाटीदार, संगठन मंत्री बंटी पाटीदार, अर्जुन पाटीदार,पुष्कर पाटीदार, संजय पूरी गोस्वामी पिपलौदा रहे।