बीजापुर में NDTV के पत्रकार Mukesh Chandrakar की हत्या कर लाश को सेप्टिक टैंक में छिपाकर ऊपर से प्लास्टर कर दिया गया । 120 करोड़ के घटिया सड़क निर्माण की खबर दिखाई थी। मार दिया गया। लेकिन सवाल यहाँ भी वही जो हर हत्या के बाद खड़ा होता है… ज़िम्मेदार कौन..? सिस्टम या पत्रकारिता के शिखर पर विराजमान लोग..? या फिर प्रशासन की निरंकुश रवैया..? जो सिस्टम के सामने नतमस्तक है. सवाल प्रदेश की सरकार से भी. जब आप अपने पत्रकार को सुरक्षित नहीं रख सकते तो और क्या उम्मीद करें आपसे..? अंत में प्रशासन के लिए इतना कहूँगा कि पुलिस हर घटनास्थल पर मौजूद नहीं रह सकता. लेकिन पुलिस और क़ानून का डर हर घटनास्थल पर मौजूद रहना चाहिए. अन्यथा आपके होने और न होने का मतलब ही नहीं.
भाई मुकेश मेरी ओर से भी विनम्र श्रद्धांजलि । सादर नमन ।