मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद् की महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनी प्रितिसिंग राठौड़
मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद्
बुरहानपुर -मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद् की महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनी प्रितिसिंग राठौड़
मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद् संबद्ध अखिल भारतीय पंचायत वर्तमान में अखिल भारतीय पंचायत परिषद के पदाधिकारी महिला आयोग, केंद्र में महिला बाल विकास मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय के अलावा कई
परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह सेंगर ने हमारी कार्य क्षमता और सामाजिक कार्य में निरंतर सक्रिय रहने के वजह से मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद के महिला मोर्चा की प्रीती सिंह राठौर को प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया है। अखिल भारतीय पंचायत परिषद दिल्ली का गठन 1958 में हुआ था, जिसका केंदीय कार्यालय 07 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है। जिसका नाम पंचायत धाम है। जिसको स्थापित करने में मुख्य रूप से माननीय बलवंत राय मेहता स्वतंत्रता सेनानी पूर्व मुख्यमंत्री गुजरात, भारत रत्न लोकमान्य जाय प्रकाश नारायण भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री गुलज़ारी नंदा पूर्व केंद्रीय मंत्री एस. के. डे जी पूर्व मंत्री लाल सिंह त्यागी के अलावा देश के अति महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी समाजसेवी राजनेताओं के अथक प्रयास से महात्मा गांधी का सपना साकार क्रिमब जाकर भारतीय संविधान में संशोधन हुआ और पंचायती राज का सपना साकार हुआ है। अखिल भारतीय पंचायत परिषद दिल्ली से वर्तमान में महामहिमराष्ट्रपतिमहोदयाजी, माननीय राजस्थान मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री और कई केंदीय मंत्री के साथ कई संसद विधायकगण शामिल हैं। रही बात मध्यप्रदेश राज्य कि तो मध्यप्रदेश के सर्वमान्यनेता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश चंद काटजू श्यामाचरण शुक्ल, माननीय पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के अलावा कई मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रहे है।
मध्यप्रदेश में पूर्ण कालीन अध्यक्ष विधायक कलावती भूरिया झाबुआ रही इसके बाद अशोक सिंह सेंगर जी को मनोनीत किया गया है। जो संगठन को मजबूत प्रदान कर रहे है। हाल ही में ग्वालियर में 08 जुलाई 2025 को विशेष बैठक प्रस्तावित है। जिसमें प्रदेश स्तर में बड़ा कार्यक्रम सरपंचों के हित में किया जाना प्रस्तावित है। अखिल भारतीय पंचायत परिषद त्रिस्तरीय पंचायत की बात करती है। हमारे प्रदेश में कुछ छोटे छोटे सरपंचों के नाम में संगठन बना कर सरपंचों को बांटने का काम कर रहे है, ऐसे संगठनों से सरपंचों को सावधान रहने की आवश्यकता है संगठन के आगे सरपंच संगठन लिख लेना पर्याप्त नहीं है। उनका पंचायती राज में क्या योगदान है। उनके पास बताने के लिए कुछ नहीं है।
रिपोर्टर सुभाष सपकाले